आज के इस तंत्र और मंत्र के सत्र में दोवारा हम लेकर आये है एक यन्त्र तंत्र करने की प्रक्रिया जिसमे से है की गाँव देहात में उपयोग होने वाला और मरण क्रिया में पिंड दान में उपयोग एक भोज पत्र जिसे भोज वाला पत्ता भी कहते है उर पर तंत्र बनाने की विधि जानेगे हमरे गुरुदेव श्री जयदेव शास्त्री से
उनका कहना है की जैसे पीपल के पत्ते है उसी प्रकार तंत्र क्रिया में हम गाँव में होने वाले भोज क्रिया में उपयोगी पत्र को एक महा वशीकरण में सम्मिलित क्र सकते है और ईसके पाक क्रिया की वजह से काम के सफलता मिलती है
भोजपत्र भारतीय संस्कृति का अमूल्य अंग रहा है। इसे हिमालयी बर्च वृक्ष की छाल से बनाया जाता है, जो पतली धारियों में परिणत होता है। प्राचीन और मध्य युग के भारत में, भोजपत्र का उपयोग कागज के समान व्यापक रूप में होता था। इसका उपयोग विभिन्न धार्मिक और वैदिक लेखों के लिए भी किया जाता था। उस समय यह यंत्र तैयार करने के लिए भी इस्तेमाल होता था, और आजकल भी इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए होता है। वशीकरण और काला जादू जैसे कार्यों में भी भोजपत्र का महत्व है। मैं यह सभी कुछ बता रहा हूँ क्योंकि गुरुदेव के अनुसार, मैंने केवल प्राचीन तंत्रों से प्राप्त सही जानकारी साझा की है, और यही कारण है कि मैं हमेशा सत्य को अपनाता हूँ।
ये है भोजपत्र के उपाय और फायदे
तो इसका उपयोग किस प्रकार से करते है और किन यन्त्र के लिए ये सटीक और अत्यंतत शक्तिशाली होता है तो बता दू की आकर्षण और मोहिनी जैसे यन्त्र के लिए सबसे कारगर है तो अगर आपको भोजपत्र पर यंत्र बनाने की विधि जानना चाहते है तो आप निसंदेह गुरदेव को कॉल व्हाट्सप्प संपर्क करें मंत्र फॉर लव और बताये आपना उद्देश्य और करवाए काम गुरुदेव सलाह कोई फीस नहीं लेते है।
पत्नी या पति बात नही मान रहा है, कुछ करने जाते है ख़राब हो जाता है, काम धंधा सही नही चल रहा है, निसंतानता की दिक्कत है, या फिर प्रेमी प्रेमिका में अनबन हो गया है, गुरुदेव से ये पात्र पर लिखे हुआ तंत्र को करें, गुरूजी के निर्देश अनुसार करें आपको मनचाही फल मिलेगा, भलीभांति जानकारी होने के बाद ही इस कार्य को करें इसके नुकसान भयानक हो सकता है।